हिंदी व्याकरण में वर्तमान काल के भेद -
हिंदी व्याकरण में काल की जानकारी अत्यंत आवश्यक है। आज वर्तमान काल के भेदों के बारे में जानकारी दी जा रही है। काल का क्रिया के साथ सीधा संबंध है।काल की परिभाषा -
हिंदी व्याकरण में क्रिया के जिस रूप से किसी भी कार्य को करने या होने के समय की जानकारी का बोध होता है,वह काल कहलाता है।
अर्थात् व्याकरण में क्रिया के होने वाले समय को काल कहते हैं।
अन्य शब्दों में - क्रिया के उस रूप को काल कहते है , जिससे किसी कार्य के पूर्ण अथवा अपूर्ण होने की अवस्था का बोध होता है ।
उदाहरण -
- राम घर गया।
- राम घर जा रहा है।
- राम घर जाएगा।
यहाँ प्रथम वाक्य में क्रिया बीते समय में पूर्ण हो चुकी है। द्वितीय वाक्य में क्रिया वर्तमान समय में जारी है तथा अंतिम वाक्य की क्रिया आने वाले समय में होगी। यहाँ हमें जानकारी होती है की क्रिया के पूर्ण होने का समय अलग - अलग प्रतीत हो रहा है। इसी के आधार पर व्याकरण में काल के भेदों का निर्धारण किया गया है।
काल के भेद -
हिंदी व्याकरण में काल के तीन भेद होते है -
- वर्तमान काल
- भूतकाल
- भविष्यत् काल
अब हम यहाँ केवल वर्तमान काल के भेदों के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे।
वर्तमान काल -
क्रिया के जिस रूप से वर्तमान में क्रिया का होना प्रकट हो , उसे वर्तमान काल कहते हैं ।
उदाहरण -
राम गीत गा रहा है।
मोहन पुस्तक पढ़ रहा है।
गीता खाना बना रही है।
राम खाना खाता है।
सीता फल तोड़ती है।
उपर्युक्त वाक्यों में क्रिया के वर्तमान समय में होने का पता चल रहा है। इसलिए ये सभी वर्तमान काल की क्रिया हैं।
वर्तमान काल के भेद -
वर्तमान काल के भेद |
हिंदी व्याकरण में वर्तमान काल के पाँच भेद माने जाते हैं -
- सामान्य वर्तमान काल
- अपूर्ण वर्तमान काल
- संदिग्ध वर्तमान काल
- आज्ञार्थ वर्तमान काल
- संभाव्य वर्तमान काल
सामान्य वर्तमान काल -
क्रिया का वह रूप जिससे क्रिया का सामान्य रूप से वर्तमान काल में होना प्रतीत होता है , सामान्य वर्तमान काल कहलाता है।
दूसरे शब्दों में - जो क्रिया वर्तमान में सामान्य रूप से संपन्न होती है, वह सामान्य वर्तमान काल की क्रिया कहलाती है। इसमें क्रिया के साथ ता है , ती है ,ते हैं आदि आते हैं।
दूसरे शब्दों में - जो क्रिया वर्तमान में सामान्य रूप से संपन्न होती है, वह सामान्य वर्तमान काल की क्रिया कहलाती है। इसमें क्रिया के साथ ता है , ती है ,ते हैं आदि आते हैं।
उदाहरण -
- राम पुस्तक पढ़ता है।
- गीता गाना गाती है।
- मोहन आम खाता है।
- वे सब पथ पढ़ रहें हैं।
अपूर्ण वर्तमान काल -
क्रिया के जिस रूप से यह बोध हो कि कार्य अभी पूर्ण नहीं हुआ है , वह चल रहा है या उसके चलते रहने का बोध होता है ,उसे अपूर्ण वर्तमान काल कहते हैं। पहचान चिह्न - रहा है, रही है , रही हैं , रहे हैं आदि।
जैसे -
जैसे -
- राम खाना खा रहा है।
- मोहन जा रहा है।
- चन्द्रकला हँस रही है।
संदिग्ध वर्तमान काल -
जब क्रिया के वर्तमान काल में होने पर संदेह प्रकट हो , उसे संदिग्ध वर्तमान काल कहते हैं।
पहचान चिह्न - क्रिया के साथ ता ,ती , ते के साथ होगा ,होगी ,होंगें आदि।
उदाहरण -
पहचान चिह्न - क्रिया के साथ ता ,ती , ते के साथ होगा ,होगी ,होंगें आदि।
उदाहरण -
- मोहन खेल रहा होगा ।
- राम पत्र लिखता होगा।
- हरि देखता होगा।
- रूपा नाचती होगी।
संभाव्य वर्तमान काल -
इससे वर्तमान काल में काम के पूरा होने की आशंका रहती है। उसे संभाव्य वर्तमान काल कहते हैं। दूसरे शब्दों में जब क्रिया के वर्तमान काल की अपूर्ण क्रिया की संभावना हो
जैसे-
जैसे-
- शायद आज वह आ जाए।
- मेरी बात किसी ने सुन न ली हो।
- आज मुकेश आ सकता है।
आज्ञार्थ वर्तमान काल -
क्रिया के द्वारा वर्तमान समय में ही चलाने की आज्ञा का बोध करने वाला रूप आज्ञार्थ वर्तमान काल कहलाता है।
जैसे -
- राधा तू पढ़।
- रमेश आप भी सुनिए।
- मेरी बात मानो ।
इस प्रकार आज वर्तमान काल के भेदों की सारगर्भित जानकारी आज इस लेख के माध्यम से दी गई है।
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