विशेषण के भेद परिभाषा और उदाहरण -
आज हम विशेषण के भेद परिभाषा और उदाहरण के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे ।
विशेषण की परिभाषा -
संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्दों को विशेषण कहते हैं। अर्थात् विशेषण वास्तव में ही किसी शब्द की विशेषता बताने वाले शब्द होते हैं। जैसे - लाल मिर्च , यहाँ लाल शब्द मिर्च की विशेषता बता रहा है की मिर्च लाल है ।
विशेषण का अर्थ - विशेषता बताने सूचक शब्द होता है ।
विशेष्य -
वाक्य में जिस संज्ञा या सर्वनाम शब्द की विशेषता बतायी जाती है उन्हें विशेष्य कहते हैं।
- गुणवाचक विशेषण
- संख्यावाचक विशेषण
- परिमाणवाचक विशेषण
- सार्वनामिक /संकेतवाचक विशेषण
- व्यक्तिवाचक विशेषण
अब हम विशेषण के भेदों व उनके उदाहरणों के बारें में विस्तार से चर्चा करेंगे।
गुणवाचक विशेषण -
वे शब्द जो हमें संज्ञा या सर्वनाम के रूप, रंग, गुण, दोष, आकार, स्वभाव, दशा आदि का बोध कराते हैं, वे गुणवाचक विशेषण कहलाते हैं।
जैसे:-काला ,छोटा, मीठा, अच्छा, नया आदि।
संख्यावाचक विशेषण -
ऐसे शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम की निश्चित- अनिश्चित संख्या, क्रम या गणना के बारे में बोध कराते हैं वे शब्द संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं।
जैसे: -एक,दो, तीन, पहला ,दुगुना, चौगुना, दोनों, तीनों आदि।
परिमाणवाचक विशेषण -
जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की निश्चित या अनिश्चित मात्रा, परिमाण, नाप-तौल आदि के बारे में बताते हैं, वे शब्द परिमाणवाचक विशेषण कहलाते हैं।
जैसे-दो मीटर , तीन किलो, चार लीटर ,थोड़ा, ज्यादा ,कम बहुत,अधिक, जरा सा ,आदि।
संकेतवाचक विशेषण -
जो सर्वनाम शब्द संज्ञा से पहले आएं एवं विशेषण की तरह उस संज्ञा शब्द की विशेषता बताएं तो वे शब्द संकेतवाचक विशेषण कहलाते हैं।
जैसे:- उस, कौन, इस आदि।
व्यक्तिवाचक विशेषण -
जो शब्द असल में व्यक्तिवाचक संज्ञा से बने होते हैं और विशेषण शब्दों का निर्माण करते हैं, वे शब्द व्यक्तिवाचक विशेषण कहलाते हैं।
जैसे:-बीकानेरी भुजिया, जयपुरी साड़ी, कश्मीरी सेव आदि।
विशेषण की अवस्थाएं -
विशेषण की तुलनात्मक स्थिति को अवस्था कहते हैं ,अवस्था के तीन प्रकार माने गए हैं-
- मूलावस्था - जिसमें किसी संज्ञा या सर्वनाम की सामान्य स्थिति का बोध होता है ।
- जैसे सीता सुंदर बालिका है।
- राम अच्छा लड़का है ।
- महेश होशियार है ।
- उत्तरावस्था - इसमें दो संज्ञा या सर्वनाम की तुलना की जाती है व एक को श्रेष्ठ या हीन बताया जाता है ।
- जैसे राम श्याम से अच्छा हैI
- राधा गीता से सुंदर है।
- राम सुरेश से मेहनती है ।
- उत्तमावस्था - जिसमें दो से अधिक संज्ञा य सर्वनामों की तुलना करके एक को सबसे अच्छा या बुरा बताया जाता है वहां उत्तम अवस्था होती है।
- जैसे कवियों में कालिदास श्रेष्ठ है।
- कक्षा में मोहन सबसे होशियार है।
- फूलों में कमल तो कमल ही है।
सर्वनाम के भेद परिभाषा और उदाहरण ⇐ जानें
इस प्रकार आज हमनें विशेषण के भेद परिभाषा और उदाहरण के बारें में सरल रूप में जानकारी प्राप्त की है। आशा है आज का यह लेख आपको पसंद आया है। अगर पसंद आ ही गया है तो साथियों के साथ शेयर करना ना भूलें। आप हमारे ईमेल नोटिफिकेशन के माध्यम से भी सूचना प्राप्त कर सकते हैं। आप हमारे साथ जुड़े रहें। कमेंट करके बताएं की और क्या जानकारी आप जानना चाहते हैं।
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