संज्ञा के भेद परिभाषा उदाहरण - sangya ke bhed paribhasha udaharan
इस लेख में संज्ञा की परिभाषा भेद और उदाहरण की जानकारी दी जा रही है। इस लेख में संज्ञा क्या है ? संज्ञा किसे कहते हैं ? संज्ञा के कितने भेद होते हैं ? संज्ञा के भेदों की उदाहरण सहित जानकारी को विस्तार से बताया गया है।
संज्ञा की परिभाषा, संज्ञा के भेद व उदाहरण के बारे में जानकारी आज हम हिंदी व्याकरण के इस लेख के माध्यम से प्राप्त करेंगे संज्ञा एक विकारी शब्द है क्योंकि विकारी शब्दों में विकार उत्पन्न होता है ऐसे शब्दों में लिंग वचन कारक या विभक्ति के आधार पर परिवर्तन हो जाता है।
संज्ञा की परिभाषा - sangya ki paribhasha
किसी व्यक्ति, प्राणी, वस्तु, स्थान, भाव ,अवस्था, गुण या दशा के नाम को ही संज्ञा कहते हैं। संज्ञा का शाब्दिक अर्थ नाम होता है। जैसे- राम, सीता, कुर्सी, मेज, सीकर, ममता, बुढापा, अच्छाई, गरीबी, मिठास, बचपन आदि।अब हम वाक्यों के माध्यम से जानकारी प्राप्त करते हैं-
राम घर जाता है।
आम में मिठास है।
इन वाक्यों में राम किसी का व्यक्तिगत नाम है।
घर एक स्थान का नाम है।
आम एक फल का नाम है।
मिठास एक गुण का नाम है।
यह सब प्राणी पदार्थ स्थान गुण स्थान आदि के नाम हैं।
घर एक स्थान का नाम है।
आम एक फल का नाम है।
मिठास एक गुण का नाम है।
यह सब प्राणी पदार्थ स्थान गुण स्थान आदि के नाम हैं।
संज्ञा के भेद व उदाहरण - ( sangya ke bhed and udaharan )
संज्ञा के मुख्य रूप से तीन भेद होते हैं।- व्यक्तिवाचक संज्ञा
- जातिवाचक संज्ञा
- भाववाचक संज्ञा
अब हम संज्ञा के भेदों( type of noun and examples ) और उदाहरण की विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगें।
व्यक्तिवाचक संज्ञा व उदाहरण -
किसी व्यक्ति विशेष, वस्तु विशेष और स्थान विशेष के नाम को ही व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं।
उदाहरण -
उदाहरण -
व्यक्ति का नाम - राम हनुमान मनीष गीता महेश
वस्तु का नाम - रामायण छत पंखा सिलाई मशीन
स्थान का नाम - सीकर जयपुर हिमालय हवा महल
भाषाओं के नाम - हिंदी अंग्रेजी उर्दू पंजाबी आदि
खेलों के नाम - क्रिकेट हॉकी फुटबॉल आदि
दिशाओं के नाम- पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण आदि
नदियों के नाम - गंगा यमुना कृष्णा गोदावरी चंबल आदि
पहाड़ों के नाम - अरावली हिमालय माउंट एवरेस्ट कंचनजंघा आदि।
समाचार पत्रों के नाम - पत्रिका, दैनिक भास्कर, पंजाब केसरी आदि।
त्योहारों के नाम- होली, दीपावली, दशहरा आदि
राज्यों का नाम -पंजाब, हरियाणा, गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश आदि
जातिवाचक संज्ञा व उदाहरण -
शब्द के जिस रुप से किसी प्राणी वस्तु अथवा स्थान आदि की जाति का बोध होता है उसे जातिवाचक संज्ञा कहते है। जातिवाचक संज्ञा शब्द से हमें एक पूरे वर्ग का बोध होता है। उदाहरण -
प्राणी वर्ग - मनुष्य, लड़का ,मोर, शिक्षक, सेना, सभा, घोड़ा, लड़की, शिशु,
पशु, मित्र, नौकर, सेवक, बहन, भाई आदि।
पशु, मित्र, नौकर, सेवक, बहन, भाई आदि।
वस्तु वर्ग - पुस्तक, मशीन, साबुन, दूध, दही, कुर्सी, सोना, चांदी आदि
स्थान वर्ग- पहाड़, शहर, गांव, अस्पताल, विद्यालय, भवन, नदी, झील आदि।
जातिवाचक संज्ञा में निम्न शब्द सम्मिलित किए जाते हैं-
पशु पक्षियों के नाम - तोता चिड़िया कबूतर मैना
पेड़ एवं फलों के नाम - आम सेब पपीता केला पीपल बरगद आदि।
शरीर के अंगों के नाम - नाक कान गला जीभ आँख आदि।
सामाजिक संबंधों के नाम - माता पिता सास ससुर भाई-बहन आदि।
पदों के नाम- मंत्री प्रोफेसर अध्यापक शिक्षक आदि।
प्राणी समूह का नाम- सभा दल परिवार झुंड गिरोह।
खाद्य पदार्थों के नाम - दूध दही छाछ लस्सी आदि।
भाववाचक संज्ञा व उदाहरण -
किसी भाव गुण अथवा दशा या अवस्था के नाम को भाववाचक संज्ञा कहते हैं। उदाहरण - सुख, दु:ख, बचपन, सुंदरता, चोरी, लंबाई, भक्ति, स्वास्थ्य, जीत, दूरी, उड़ान आदि।
कुछ विद्वान हिंदी में संज्ञा के इन भेदों के अलावा दो और भेद बताते हैं ये दोनों भेद जातिवाचक संज्ञा के अंतर्गत ही आते हैं इनके नाम हैं- समूहवाचक संज्ञा व द्रव्यवाचक संज्ञा।
भाववाचक संज्ञा बनाना -
भाववाचक संज्ञा बनाने के लिए बहुत से नियम प्रचलित है।सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, अव्यय पद तथा जाति वाचक संज्ञा शब्दों से भाववाचक संज्ञा मनाई जाती है। अव्यय पदों के साथ प्रत्यय जोड़कर भाववाचक संज्ञाएँ बनाई जाती हैं।
सर्वनाम से भाववाचक संज्ञा बनाना -
अपना से अपनापन व अपनत्व
पराया से परायापन
अहम् से अहंकार
निज से निजत्व
स्व से स्वत्व
क्रिया से भाववाचक संज्ञा बनाना -
खेलना से खेल
लूटना से लूट
जीतना से जीत
हंसना से हंसी
चढ़ना से चढ़ाई
पढ़ना से पढ़ाई
बनाना से बनावट
थकना से थकावट
लिखना से लिखावट
उड़ना से उड़ान
अव्यय से भाववाचक संज्ञा बनाना -
दूर से दूरी
ऊपर से ऊपरी
भीतर से भीतरी
बाहर से बाहरी
समीप से सामीप्य
निकट से निकटता
शीघ्र से शीघ्रता
व्यवहार से व्यावहारिक
जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा बनाना -
नौकर से नौकरी
चोर से चोरी
बुड्ढा से बुढापा
बहन से बहनापा
गुरु से गौरव
बच्चा से बचपन
भक्त से भक्ति
गुरु से गुरुत्व
मनुष्य से मनुष्यत्व
पशु से पशुत्व आदि।
विशेष जानकारी-
निश्चितता का बोध कराने वाले शब्द जैसे भारत , राजस्थान, उत्तरप्रदेश ,जापान आदि शब्द व्यक्तिवाचक संज्ञा के अंतर्गत आते हैं। लेकिन अनिश्चितता का बोध करने वाले अकेले मूल शब्द जैसे गाँव ,शहर ,नगर, देश आदि शब्द भाववाचक संज्ञा के अंतर्गत आते हैं। हमें यह भी ध्यान रखना होता है की जब निश्चित स्थानवाचक शब्द के साथ अनिश्चितवाचक शब्द आता है वहाँ दोनों शब्दों के योग से व्यक्तिवाचक संज्ञा ही मानी जाती है जैसे भारत देश यहाँ भारत के साथ देश शब्द आने से दोनों शब्द व्यक्तिवाचक संज्ञा हैं।
निश्चितता का बोध कराने वाले शब्द जैसे भारत , राजस्थान, उत्तरप्रदेश ,जापान आदि शब्द व्यक्तिवाचक संज्ञा के अंतर्गत आते हैं। लेकिन अनिश्चितता का बोध करने वाले अकेले मूल शब्द जैसे गाँव ,शहर ,नगर, देश आदि शब्द भाववाचक संज्ञा के अंतर्गत आते हैं। हमें यह भी ध्यान रखना होता है की जब निश्चित स्थानवाचक शब्द के साथ अनिश्चितवाचक शब्द आता है वहाँ दोनों शब्दों के योग से व्यक्तिवाचक संज्ञा ही मानी जाती है जैसे भारत देश यहाँ भारत के साथ देश शब्द आने से दोनों शब्द व्यक्तिवाचक संज्ञा हैं।
कुछ व्यक्तिवाचक और जातिवाचक संज्ञा विशिष्ट गुणों के आधार पर भी प्रकट होती हैं।
जैसे राम तो हरिश्चंद्र है। गीता तो हमारे घर की लक्ष्मी है।
रेखांकित शब्द किसी व्यक्ति विशेष का बोध न कराकर विशिष्ट गुणों के आधार पर एक जाति विशेष का बोध कराते हैं आता है यहां व्यक्तिवाचक संज्ञा ने होकर जातिवाचक संज्ञा होगी।
गाँधीजी अहिंसा के पुजारी थे।
यहाँ गाँधीजी शब्द जातिवाचक होते हुए भी व्यक्ति विशेष का बोध करा रहा है अतः व्यक्तिवाचक संज्ञा होगी। यहाँ गाँधीजी से तात्पर्य महात्मा गाँधीजी से है।
इस प्रकार आज हमने हिंदी व्याकरण के इस लेख में ( noun meaning definition and types ) संज्ञा की परिभाषा , संज्ञा के भेद, संज्ञा के भेद और उदाहरण आदि के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की है। आशा है आज का यह लेख आपको पसंद आया है। अगर पसंद आ ही गया है तो साथियों के साथ शेयर करना ना भूलें। आप हमारे ईमेल नोटिफिकेशन के माध्यम से भी सूचना प्राप्त कर सकते हैं। आप हमारे साथ जुड़े रहें।
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