वाक्य के अंग - उद्देश्य और विधेय की संपूर्ण जानकारी
हिंदी व्याकरण में उद्देश्य और विधेय वाक्य के दो अंग माने जाते हैं। आज हम हिंदी व्याकरण में वाक्य के अंग- उद्देश्य और विधेय ( uddesay and vidhey ) के बारे में बहुत ही सरल रूप में जानकारी प्राप्त करेंगे।
उद्देश्य और विधेय का विश्लेषण जानने के लिए इनके विस्तार को जानना आवश्यक है। हम उद्देश्य और विधेय के बारे में विस्तार से जानने का प्रयास करेंगे।
जैसे - राम घर जाता है। यहां जाता है तथा घर विधेय के अंतर्गत आते हैं। यहां क्रिया व कर्म का प्रयोग हुआ है।
अब हम उद्देश्य और विधेय को उदाहरणों के माध्यम से समझने का प्रयास करते हैं-
उद्देश्य और उसके विस्तार से संबंधित उदाहरण -
यहां स्थूलाक्षर सभी शब्द उद्देश्य के विस्तार से संबंधित है।
विधेय तथा विधेय का विस्तार -
यहां रेखांकित सभी शब्द विधेय के विस्तार को प्रकट करते हैं।
वह घर गया।
राम अभी आ रहा है।
यह बालक कहां जा रहा है।
आपको मैंने कल भी कहा था।
कितना सुंदर पक्षी दाना चुग रहा है।
आप कहां गए थे?
मेरा बड़ा भाई नरेश कल दिल्ली से आ रहा है।
कोरोना से तो हर कोई डर गया ।
भारत के प्रधानमंत्री वास्तव में एक महान व्यक्तित्व है।
वर्ण को भाषा की सबसे छोटी इकाई मानते हैं । इसके और टुकड़े नहीं कर सकते हैं। जब दो या दो से अधिक वर्णो का सार्थक समूह बनता है तो वह सार्थक समूह शब्द कहलाता है।
अर्थात् वर्णों के सार्थक समूह को ही शब्द कहते हैं । शब्दों के सार्थक समूह को वाक्य कहा जाता है। वाक्य के इस सार्थक समूह में ही उद्देश्य और विधेय अलग-अलग होता है। इन दोनों का विस्तार भी वाक्य में होता है।
अर्थात् वर्णों के सार्थक समूह को ही शब्द कहते हैं । शब्दों के सार्थक समूह को वाक्य कहा जाता है। वाक्य के इस सार्थक समूह में ही उद्देश्य और विधेय अलग-अलग होता है। इन दोनों का विस्तार भी वाक्य में होता है।
वाक्य के अंग -
वाक्य के मुख्य रूप से दो अंग होते हैं -- उद्देश्य
- विधेय
उद्देश्य और विधेय का विश्लेषण जानने के लिए इनके विस्तार को जानना आवश्यक है। हम उद्देश्य और विधेय के बारे में विस्तार से जानने का प्रयास करेंगे।
उद्देश्य और विधेय - uddesay and vidhey
उद्देश्य और विधेय को विस्तार रूप में हम इस प्रकार सकते हैं -
उद्देश्य - uddesay
किसी भी वाक्य में कर्त्ता ही उद्देश्य होता है अर्थात वाक्य में जिसके संबंध में कहा जाता है उसे उद्देश्य कहते हैं। यदि कर्त्ता के साथ कोई विशेषण शब्द प्रयुक्त होता है तो उसे कर्त्ता का विस्तारक माना जाता है। कर्त्ता का विस्तारक भी उद्देश्य के ही अंतर्गत आता है।
उद्देश्य |
- जैसे राम घर जाता है।
- सुंदर बालक हंसता है ।
- आजकल कोई भी किसी का साथ देने को तैयार है।
- मोहन तो सुरेश का भाई है।
- वह अच्छा लड़का है।
- राधिका का ससुर मेरा भाई है।
विधेय - vidhey
वाक्य में क्रिया के संबंध में जो कुछ भी कहा जाता है उसे विधेय कहते हैं। विधेय के अंतर्गत वाक्य में निहित क्रिया, क्रिया का विस्तारक, कर्म, कर्म का विस्तारक साथ ही पूरक तथा पूरक का विस्तारक को शामिल किया जाता है।
विधेय |
अब हम उद्देश्य और विधेय को उदाहरणों के माध्यम से समझने का प्रयास करते हैं-
उद्देश्य और उसके विस्तार से संबंधित उदाहरण -
- मेरे लिए तो सब कुछ आसान है।
- राम बाग में जाता है ।
- सीता फल खाती है।
- अच्छा बालक रोज पढ़ता है।
- राम ने रावण को मारा।
- गाय घास खा रही है।
- मोहन बाजार जा रहा है।
- मेरी बहन गीता आज विदेश जाएगी।
यहां स्थूलाक्षर सभी शब्द उद्देश्य के विस्तार से संबंधित है।
विधेय तथा विधेय का विस्तार -
- आज तो अच्छा हुआ।
- राम ने रावण को मारा ।
- पक्षी आकाश में उड़ रहे हैं ।
- वह बालिका बहुत अच्छा काम करती है।
- सुंदर मोर बहुत देर से नाच रहा है।
- मेरा भाई नरेश तो रात दिन मेहनत करता है।
यहां रेखांकित सभी शब्द विधेय के विस्तार को प्रकट करते हैं।
उद्देश्य और विधेय का अभ्यास -
वह घर गया।
राम अभी आ रहा है।
यह बालक कहां जा रहा है।
आपको मैंने कल भी कहा था।
कितना सुंदर पक्षी दाना चुग रहा है।
आप कहां गए थे?
मेरा बड़ा भाई नरेश कल दिल्ली से आ रहा है।
कोरोना से तो हर कोई डर गया ।
भारत के प्रधानमंत्री वास्तव में एक महान व्यक्तित्व है।
-----------------------------------
यह भी जानें -👇👇
इस प्रकार आज हमने वाक्य के अंग उद्देश्य और विधेय ( uddesay and vidhey ) के बारे में सरल रूप में जानकारी प्राप्त की है। हमने जाना की कर्त्ता के संबंध में जो कुछ भी कहा जाए वह उद्देश्य और उद्देश्य का विस्तार होता है तथा क्रिया के संबंध में जो कुछ भी कहा जाए वह विधेय तथा विधेय का विस्तार होता है। पूरक का विस्तार से तात्पर्य कर्त्ता व क्रिया के साथ प्रयुक्त शब्द होते हैं। क्रिया के साथ आने वाले विशेषण क्रिया के विस्तार से संबंध रखते हैं ।क्योंकि इन्हें क्रिया विशेषण कहते हैं ।
वाक्य के अंग उद्देश्य और विधेय के बारे में जानकारी अच्छी लगी है तो अपने साथियों को भी अवश्य शेयर करें। जानकारी अच्छी लगी है तो कमेंट अवश्य करके बताएं।
वाक्य के अंग उद्देश्य और विधेय के बारे में जानकारी अच्छी लगी है तो अपने साथियों को भी अवश्य शेयर करें। जानकारी अच्छी लगी है तो कमेंट अवश्य करके बताएं।
1 टिप्पणी:
vakya ki paribhasha by Gurukul99.com . bhai ji isse bhi padhe
एक टिप्पणी भेजें