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16 सित॰ 2020

राजस्थान का एकीकरण सम्पूर्ण जानकारी -

राजस्थान का एकीकरण सम्पूर्ण जानकारी -


आज इस लेख में राजस्थान का एकीकरण की सम्पूर्ण जानकारी (Rajasthan ka Ekikaran ) देने का प्रयास किया गया है।

राजस्थान का एकीकरण - ( Rajathan ka Ekikaran)

राजस्थान का एकीकरण की सामान्य जानकारी इस प्रकार से है-


राजस्थान अपने एकीकरण से पूर्व विभिन्न राजपूत रियासतों में विभक्त था । एकीकरण से पूर्व राजस्थान में 19 रियासतें , 3 ठिकाने 1.लावा ( जयपुर ) , 2. कुशलगढ़ (बांसवाडा ), 3. नीमराना ( अलवर ) तथा 1 केन्द्रशासित प्रदेश अजमेर - मेरवाड़ा शामिल था । सबसे नवीन रियासत झालावाड़ थी । राजस्थान की एकमात्र मुस्लिम रियासत टोंक थी । राजस्थान की जैसलमेर रियासत को जवाहर लाल नेहरु ने आठवां अजूबा भी कहा था ।

राजस्थान का एकीकरण सम्पूर्ण जानकारी
राजस्थान का एकीकरण 

राजस्थान का एकीकरण 7 चरणों में सम्पन्न हुआ जिसकी जानकारी इस प्रकार है -

प्रथम चरण को मत्स्य संघ नाम दिया गया। मत्स्य संघ की स्थापना 18 मार्च 1948 को हुई। इसमें अलवर - भरतपुर- धौलपुर - करौली रियासत व नीमराणा नामक ठिकाने को शामिल किया ।

अलवर जिले को मत्स्य संघ की राजधानी बनाया गया साथ ही  मत्स्य संघ के राजप्रमुख उदयभान सिंह को बनाया गया  जो धौलपुर के शासक थे। शोभाराम कुमावत को  मत्स्य संघ का  प्रधानमंत्री बनाया गया ।


द्वितीय चरण को राजस्थान संघ या पूर्व राजस्थान नाम दिया गया राजस्थान संघ की  स्थापना 25 मार्च 1948 को हुई। राजस्थान संघ में बांसवाड़ा -बूंदी - डूंगरपुर - झालावाड़ - प्रतापगढ़ - कोटा -टोंक- शाहपुरा - किशनगढ़ रियासतें और साथ ही  कुशलगढ़ ठिकाने को भी  शामिल किया गया। कोटा को पूर्व राजस्थान संघ की राजधानी बनाया गया। इस  प्रकार  प्रदेश के नाम में पहली बार राजस्थान शब्द जोड़ा गया ।

तृतीय चरण को संयुक्त राजस्थान नाम दिया गया इसकी स्थापना 18 अप्रैल 1948 को हुई। राजस्थान संघ में उदयपुर रियासत को मिलाया गया था। संयुक्त राजस्थान संघ की राजधानी उदयपुर को बनाई गई। माणिक्य लाल वर्मा को  संयुक्त राजस्थान संघ के प्रधानमंत्री बनाया  गया ।

चतुर्थ चरण को वृहत् राजस्थान नाम दिया गया। वृहत् राजस्थान की स्थापना 30 मार्च 1949 को हुई। वृहत् राजस्थान में संयुक्त राजस्थान के साथ जयपुर - जोधपुर - बीकानेर व जैसलमेर को मिलाया गया। साथ ही  वृहत् राजस्थान की राजधानी जयपुर को बनाई गई।

पंडित हीरालाल शास्त्री राजस्थान के प्रधानमंत्री बनाये गये  । अब प्रधानमंत्री के पद को मुख्यमंत्री कहा जाने लगा। 30 मार्च को राजस्थान के गठन की तिथि माना जाता है। इसीलिए  हरवर्ष  30 मार्च को  उसी समय से  राजस्थान दिवस के रूप में मनाया जाता है।

पंचम चरण को संयुक्त वृहत् राजस्थान नाम दिया गया। इसकी स्थापना 15 मई 1949 को हुई थी। इसमें वृहत् राजस्थान के साथ मत्स्य संघ का विलय हुआ था।

छठे चरण को राजस्थान नाम दिया गया इसकी स्थापना 26 जनवरी 1950 को को हुई। संयुक्त राजस्थान में केवल  सिरोही रियासत का विलय ही किया गया । लेकिन आबू और दिलवाड़ा तहसील को छोड़ दिया गया था।

आबू और दिलवाड़ा क्षेत्र को मुंबई प्रांत को सौंपकर राजस्थान संघ बनाकर इसे ख श्रेणी के राज्यों में स्थान दिया गया था। 26 जनवरी 1950 को देश का संविधान लागू हो गया था। के दिन इस राज्य को विधिवत रूप से राजस्थान नाम दिया गया ।

सातवां चरण 1 नवंबर 1956 को संपन्न हुआ। राजस्थान संघ मैं अजमेर मेरवाड़ा और सिरोही की आबू दिलवाड़ा तहसील व मध्य प्रदेश का सुनेल टप्पा नामक स्थान भी राजस्थान राज्य में शामिल कर लिए गये । लेकिन झालावाड़ जिले का एक छोटा सा भाग सिरोंज क्षेत्र मध्य प्रदेश में मिला दिया गया था।

इसी सातवें चरण के साथ राजस्थान अपने वर्तमान स्वरूप में अस्तित्व में आया। इस प्रकार राजस्थान का एकीकरण 7 चरणों में 1 नवंबर 1956 को संपन्न हुआ। राजस्थान के एकीकरण के समय राजस्थान में जिलों की कुल संख्या 26 थी।
वर्तमान राजस्थान में 19 राज्य जो देशी रियासतें थी और तीन ठिकानों को मिलाकर राजस्थान का एकीकरण संपन्न हुआ।

1 नवंबर 1956 ईस्वी को राज्य प्रमुख के पद समाप्त कर दिए गए। श्री गुरमुख निहाल सिंह राजस्थान के प्रथम राज्यपाल बने।
राजस्थान के एकीकरण ( Rajasthan ka ekikaran ) के अंतर्गत जिलों का गठन -

राजस्थान  के एकीकरण से पहले  तक राजस्थान में कुल 26 जिले  ही थे।

26 वां जिला -  अजमेर जिला के रूप में अस्तित्व में आया जो 1 नवंम्बर 1956 को बना था । राजस्थान अपने वर्तमान स्वरूप में 1 नवंम्बर 1956 को ही अस्तित्व में आया था ।

27 वां जिला - राजस्थान का नया जिला   धौलपुर - 15 अप्रैल 1982 में बनाया गया यह भरतपुर से अलग होकर नया जिला बनाया गया था ।

28 वां जिला -  राजस्थान में बारां  जिला बना जो  10 अप्रैल 1991 को नया जिला  बना जो कोटा से अलग होकर नया जिला बना।
29 वां जिला - राजस्थान में  दौसा जिला बना जो  10 अप्रैल 1991 को नया जिला  बना जो जयपुर से अलग होकर नया जिला बनाया गया ।

30 वां जिला -  राजस्थान का नया जिला राजसमन्द को बनाया गया यह  जिला - 10 अप्रैल 1991 को बना जो उदयपुर जिले से अलग होकर नया जिला बनाया गया ।

31 वां जिला - हनुमानगढ़ जिला राजस्थान का नया जिला बनाया गया यह  जिला 12 जुलाई 1994 को बना यह श्रीगंगानगर जिले से अलग होकर नया जिला बना।
32 वां जिला - करौली जिला 19 जुलाई 1997 को बना जो सवाई माधोपुर जिले से अलग होकर नया जिला बना।
33 वां जिला-प्रतापगढ़ - 26 जनवरी 2008 यह तीन जिलों से अलग होकर नया जिला बना। यह राजस्थान का सबसे नवीनतम जिला है ।

इस प्रकार हमने राजस्थान का एकीकरण  ( rajasthan ka ekikaran )की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की है । आशा है राजस्थान के एकीकरण की जानकारी आपको अच्छी लगी है ।

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