राजस्थान की झीलें - Rajasthan ki Jhilen
राजस्थान की झीलें मीठे पानी और खारे पानी से युक्त हैं। राजस्थान की झीलें ( Lakes in Rajasthan ) राजस्थान की झीलों के निर्माता, राजस्थान की झीलों की विशेषताएं आदि के बारे में बहुत ही सरल एवं सारगर्भित रूप में जानकारी प्राप्त करेंगे। राजस्थान में दो प्रकार की झीलें पाई जाती हैं। पहली खारे पानी की झीलें और दूसरी मीठे पानी की झीलें। किसी भी क्षेत्र की प्राकृतिक सुषमा को बढ़ाने में झीलों का बहुत महत्व होता है।
राजस्थान की झीलें |
राजस्थान में खारे पानी की झीलें -
राजस्थान की खारे पानी की झीलों में टेथिस सागर के अवशेष पाए जाते हैं। खारे पानी की झीलों में नमक अत्यधिक मात्रा में पाया जाता है। अब हम राजस्थान की खारे पानी की प्रमुख झीलों के बारे में इस प्रकार से जानकारी प्राप्त करेंगे।सांभर झील -[ Sanbhar lake ]
यह झील राजस्थान के जयपुर जिले की फुलेरा तहसील में स्थित है। यह देश की खारे पानी की सबसे बड़ी झील है। यह झील जयपुर , नागौर, अजमेर की सीमा पर स्थित है। यह देश की सर्वाधिक नमक उत्पादक ( 8.70% ) झील है। इस झील में खारी , खंडेला, रुपनगढ़, मेंडा आदि नदियों का पानी गिरता है।
सांभर झील का विस्तार 27 डिग्री से 29 डिग्री उत्तरी अक्षांश एवं 74 डिग्री से लेकर 7 डिग्री पूर्वी देशांतर तक है। यहां सोडियम सल्फेट बनाने का कारखाना भी स्थित है। यहां साल्ट म्यूजियम भी स्थित है। केंद्र सरकार द्वारा हिंदुस्तान नमक कंपनी द्वारा सांभर नमक परियोजना चलाई जा रही है।
डीडवाना झील -
यह नागौर जिले के डीडवाना में स्थित है। इस झील का नमक खाने योग्य नहीं होता है। यहां राज्य सरकार का सोडियम सल्फेट का सबसे बड़ा संयंत्र लगा हुआ है। इस झील से औद्योगिक नमक का उत्पादन किया जाता है इसे कागज बनाने में उपयोग लिया जाता है।लूणकरणसर झील -
यह उत्तरी राजस्थान की एकमात्र खारे पानी की झील है। यह बीकानेर जिले में स्थित है।पचपदरा झील -
यह राजस्थान के बाड़मेर जिले में स्थित है। पचपदरा झील का नमक खाने के लिए उत्तम किस्म का होता है । इसके नमक में 98 % सोडियम क्लोराइड पाया जाता है। यहां खारवाल जाति के लोग मोरली नामक झाड़ी की टहनी की सहायता से नमक प्राप्त करते हैं।
कावोद झील - यह जैसलमेर जिले में स्थित खारे पानी की झील है।
रेवासा झील - यह सीकर जिले में स्थित खारे पानी की झील है।
फलोदी झील जोधपुर जिले में स्थित खारे पानी की झील है।
डेगाना झील नागौर जिले में स्थित खारे पानी की झील है।
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राजस्थान की मीठे पानी की झीलें -
राजस्थान में मीठे पानी की झीलों के बारे में इस प्रकार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
जयसमंद झील -
यह राजस्थान के उदयपुर जिले में स्थित है। यह राजस्थान की सबसे बड़ी कृत्रिम झील और सबसे बड़ी मीठे पानी की झील है। इसे ढेबर झील भी कहते हैं। इसका निर्माण महाराजा जयसिंह ने गोमती नदी पर बांध बनाकर करवाया था।
जयसमन्द झील पर सात टापू स्थित हैं जिनमें सबसे बड़े टापू का नाम बाबा का भागड़ा है तथा सबसे छोटे का नाम प्यारी नामक टापू है। बाबा का भागड़ा टापू पर आइसलैंड रिसोर्ट नामक होटल भी बनाया गया है। मानसून के समय यहाँ पर्यटन करना सबसे उपयुक्त समय होता है।
राजसमंद झील -
यह झील राजसमंद जिले में कांकरोली के पास स्थित है। राजसमंद झील का निर्माण 1662 ई. में महाराणा राज सिंह ने करवाया था। इस झील का उत्तरी भाग नौ चौकी कहलाता है। इस झील में गोमती नदी गिरती है।
यहां संगमरमर के 25 शिलालेख स्थित हैं जिनमें रणछोड़ भट्ट द्वारा लिखित शिलालेख विश्व का सबसे बड़ा शिलालेख है। यहां स्थित राज प्रशस्ति शिलालेख में मेवाड़ के इतिहास का वर्णन है। इसके तट के निकट एक स्मारक के रूप में पहाड़ पर राजमंदिर नामक महल भी बनाया हुआ है।
पुष्कर झील -
पुष्कर झील राजस्थान के अजमेर जिले के पुष्कर क्षेत्र में स्थित है। यह राजस्थान की सबसे पवित्र झील है। इसे तीर्थराज पुष्कर के नाम से भी जाना जाता है। इस झील पर 52 घाट स्थित हैं। झील पर स्थित सबसे बड़े घाट का नाम महात्मा गांधी घाट रखा गया है जिसे गौघाट भी कहते हैं।
झील के किनारे ब्रह्मा जी का प्रसिद्ध मंदिर स्थित है। राजस्थान में ब्रह्मा जी का एकमात्र मंदिर यहीं पर स्थित है। कार्तिक मास की पूर्णिमा को यहां राजस्थान का सबसे रंगीन मेला भरता है।
यह झील राजस्थान की सबसे प्राचीन झील, पवित्र व प्राकृतिक झील भी है। यह हिंदुओं की पवित्र एवं धार्मिक झील है।
आनासागर झील , फतेहसागर झील, फॉयसागर आदि झीलें भी अजमेर जिले में स्थित हैं। फॉयसागर झील का निर्माण बांडी नदी पर करवाया गया है।
पिछोला झील -
यह राजस्थान के उदयपुर जिले में स्थित है। झील का निर्माण राणा लाखा के शासनकाल में एक बंजारे द्वारा करवाया गया था। इसके बाद राणा उदयसिंह द्वारा इसका जीर्णोद्धार करवाया गया था।
इस झील के किनारे गलकी नामक नटनी का चबूतरा स्थित है। इस झील में 2 टापुओं पर जग मंदिर और जग निवास नामक दो महल बने हुए हैं।
सिलीसेढ़ झील -
यह झील राजस्थान के अलवर जिले में स्थित है। इस झील को राजस्थान का नंदनकानन भी कहते हैं।
नक्की झील -
यह राजस्थान के सिरोही जिले में स्थित है। नक्की झील राजस्थान में सबसे ऊंचाई पर स्थित झील है। एक मान्यता के अनुसार देवताओं द्वारा अपने नाखून से खोदने से इस झील का नाम नक्की झील पड़ा।
इस झील में चट्टानें बिखरी पड़ी हैं जिनमें मेंढक की आकृति की टॉड रॉक प्रसिद्ध है । नॉन रॉक व नंदी रॉक भी इस झील के विशेष आकर्षण हैं।
कोलायत झील -
यह राजस्थान के बीकानेर जिले में स्थित है। इस झील को शुष्क मरुस्थल का सुंदर उद्यान भी कहा जाता है। झील के किनारे कपिल मुनि का आश्रय स्थल था जहां पर अब प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा को कपिल मुनि का मेला लगता है।
राजस्थान की अन्य प्रमुख झीलें -
- कायलाना झील जोधपुर जिले में स्थित है। झील के किनारे माचिया सफारी पार्क मृगवन स्थित है।
● बालसमंद झील जोधपुर जिले में स्थित है।
● गैब सागर डूंगरपुर जिले में स्थित है।
● नवलखा झील राजस्थान के बूंदी जिले में स्थित है।
● इसके अलावा बूंदी जिले में कनक सागर झील, दुगारी झील , जैतसागर भी हैं।
● आनासागर झील के किनारे जहांगीर ने दौलत बाग जिसे सुभाष उद्यान भी कहते हैं बनवाया था। जहांगीर ने यहां रूठी रानी का महल जिसे नूरजहां का महल भी कहते हैं बनवाया था।
- जहांगीर ने यहां चश्मा ए नूर नामक झरना भी बनवाया था। झील के किनारे संगमरमर के बारह दरवाजे बनाए गए हैं जिन्हें 12-दरी नाम से जाना जाता है।
● मानसरोवर झील झालावाड़ जिले में स्थित है।
● पन्नालाल शाह तालाब, अजीत सागर आदि राजस्थान के झुंझुनू जिले में स्थित है।
● फतेहसागर झील का निर्माण उदयपुर में जयसिंह ने करवाया था और पुनर्निर्माण फतेह सिंह ने करवाया था।
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इस प्रकार आज हमने राजस्थान की खारे पानी की झीलों और मीठे पानी की झीलों के बारे में महत्वपूर्ण एवं सारगर्भित जानकारी प्राप्त की है। आशा है यह पोस्ट अवश्य ही पसंद आई है। इस पोस्ट को अपने साथियों तक शेयर करना ना भूलें ।
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